कांठ मोहत्सव मेला में शशि कपूर-जूनियर और बॉलीवुड सितारों ने सजाई रंगीन रात

कांठ मोहत्सव मेला में शशि कपूर-जूनियर और बॉलीवुड सितारों ने सजाई रंगीन रात

-प्रवेज़ आलम का मंचीय जादू, दर्शक झूम उठे और मेले की रात बनी अविस्मरणीय!

Puneet Goel
कांठ (मुरादाबाद)। कांठ मोहत्सव मेला 2025 ने शहर और आसपास के क्षेत्रों के लोगों के लिए एक अविस्मरणीय सांस्कृतिक अनुभव प्रस्तुत किया। इस मेले में जूनियर शशि कपूर और मुंबई के बॉलीवुड गायक अपनी मनमोहक प्रस्तुतियों और मधुर गायन से दर्शकों का मन जीतने में सफल रहे। लगभग 12,000 दर्शक इस आयोजन का हिस्सा बने और कार्यक्रम के हर पल का आनंद लिया।

मेले का मंच संचालन और मेजबानी मशहूर एंकर परवेज़ आलम कैराना ने किया। उनके ऊर्जावान अंदाज, मजेदार संवाद और सहज मंच संचालन ने पूरे कार्यक्रम को जीवंत बना दिया। छोटे बच्चों से लेकर बुजुर्गों तक हर कोई उनके मनोरंजक अंदाज और संवाद शैली का कायल हो गया।

जूनियर शशि कपूर ने अपनी अदाकारी और गायन कला से दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया। हर प्रस्तुति में उनकी भावपूर्ण अदाकारी और मधुर आवाज़ ने दर्शकों को बार-बार तालियाँ बजाने और जयकार करने पर मजबूर कर दिया। मुंबई के बॉलीवुड गायक भी अपनी हिट प्रस्तुतियों और लोकप्रिय गानों के माध्यम से माहौल को रोमांचक और जीवंत बनाए रखा।

इस अवसर पर उपस्थित दर्शकों ने कार्यक्रम को ऐतिहासिक और यादगार बताया। उन्होंने कहा कि इस तरह के आयोजन न केवल मनोरंजन का अवसर प्रदान करते हैं, बल्कि स्थानीय संस्कृति, कला और सामाजिक समरसता को भी बढ़ावा देते हैं। दर्शकों का उत्साह, तालियों की गूँज और मंच पर कलाकारों के साथ उनकी भागीदारी इस बात का प्रमाण था कि यह मेला अब सिर्फ एक स्थानीय कार्यक्रम नहीं, बल्कि क्षेत्रीय कला और संस्कृति का प्रमुख मंच बन चुका है।

आयोजकों ने बताया कि कांठ मोहत्सव मेला 2025 में सांस्कृतिक प्रस्तुतियों के साथ-साथ स्थानीय हस्तशिल्प, पारंपरिक व्यंजन, खेल-कूद और बच्चों के लिए मनोरंजन गतिविधियाँ भी आयोजित की गईं। मेले की झांकियाँ, सजावट और मंच पर प्रस्तुतियाँ सभी को जोड़ने और एक साथ उत्सव का अनुभव कराने का प्रयास कर रही थीं।

दर्शकों के उत्साह और तालियों की गूँज ने यह स्पष्ट कर दिया कि कांठ मोहत्सव मेला अब कला, संस्कृति और मनोरंजन का प्रमुख केंद्र बन चुका है। आयोजकों ने कहा कि यह मेला हर साल की तरह इस बार भी सांस्कृतिक समरसता और सामाजिक एकता का प्रतीक बना और आने वाले वर्षों में भी यह परंपरा जारी रहेगी।

कुल मिलाकर, बीती रात का यह मेला दर्शकों के लिए एक यादगार अनुभव बन गया। यह न केवल मनोरंजन का माध्यम बना, बल्कि स्थानीय कलाकारों और सांस्कृतिक विरासत को बढ़ावा देने में भी अहम भूमिका निभाई। कांठ मेला 2025 ने यह साबित कर दिया कि कला, संस्कृति और मनोरंजन के लिए लोगों का उत्साह और प्रेम ही इसे महान बनाता है।