बाल विवाह कानूनी अपराध, हो सकती है कडी सजा

बाल विवाह कानूनी अपराध, हो सकती है कडी सजा

बाल विवाह से बालिकाओं के शारीरिक विकास पर पडता है विपरीत असर

हिन्दू कन्या इंटर कालेज में बाल विवाह मुक्त समाज को लेकर जागरूकता कार्यक्रम
शामली। शहर के हिन्दू कन्या इंटर कालेज में बाल विवाह मुक्त समाज को लेकर जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस अवसर पर बाल विवाह के दुष्परिणामों एवं दंडात्मक प्रविधानों के बारे में जानकारी दी गई।
जानकारी के अनुसार शहर के हिन्दू कन्या इंटर कालेज मंे बुधवार को आयोजित कार्यक्रम में चाइल्ड हेल्पलाइन केस वर्कर कोमल ने बताया कि बाल विवाह मुक्त भारत कार्यक्रम 27 नवम्बर से 08 मार्च 2026 तक चलाया जागएा। उन्होंने छात्राओं व शिक्षकों का बाल विवाह के दुष्परिणामों एवं दंडात्मक प्रविधानांे के बारे में जानकारी दी। महिला कल्याण विभाग से बाल संरक्षण अधिकारी मंजू चौधरी ने बताया कि बाल विवाह से बालिकाओं के शारीरिक विकास में तथा शिक्षा पर विपरीत प्रभाव पड़ता है इसलिए बालिकाओं की शादी 18 वर्ष से कम आयु में करना कानूनन अपराध है। यह अपराध किये जाने पर 2 साल तक का कठोर कारावास और एक लाख तक का जुर्माना या दोनों भी हो सकता है। विवाह में शामिल समस्त लोग चाहे वह फोटोग्राफर, टेंट वाला, खाना बनाने वाले या कोई भी ही क्यों ना हो, ऐसे सभी लोगों पर एफआईआर दर्ज होती है। उन्होंने मुख्यमंत्री कन्या सुमंगला योजना, पति की मृत्यपरांत निराश्रित महिला पेंशन योजना, स्पॉन्सरशिप योजना इत्यादि की पात्रता व योग्यता के बारे में बताया। इस अवसर पर हब फॉर एम्पावरमेंट आफ वुमेन से सागर वर्मा ने विभागीय हेल्पलाइन नंबरों की जानकारी दी। इस अवसर पर कालेज प्रधानाचार्या श्रीमती अलका संगल, शोभा, किरण, राहुल कुमार आदि सहित अन्य लोग भी मौजूद रहे।