वीवीपीजी में सार्क सम्मेलन मंे वक्ताओं ने रखे अपने-अपने विचार अमरीकी टैरिफ बढाने क बाद भारत के लिए सार्क का महत्व बढाः डा. प्रताप
वीवीपीजी में सार्क सम्मेलन मंे वक्ताओं ने रखे अपने-अपने विचार
अमरीकी टैरिफ बढाने क बाद भारत के लिए सार्क का महत्व बढाः डा. प्रताप

शामली। शहर के वीवी पीजी कालेज में सोमवार को सार्क सम्मेलन का आयोजन किया गया। सम्मेलन में वक्ताओं ने अपने-अपने विचार व्यक्त किए।

जानकारी के अनुसार शहर के वीवी पीजी कालेज में सोमवार को जनता वैदिक कालेज, वीवीपीजी कालेज व इंडियन पालीटिकल साइंस एसोसियेशन द्वारा सार्क राष्ट्रीय सम्मेलन का आयोजन किया गया। सम्मेलन के मुख्य वक्ता प्रो. आरएस यादव पूर्व कुलपति बाबा मस्तनाथ विवि रोहतक, इंडियन पॉलिटिकल साइंस एसोसिएशन और मेरठ यूनिवर्सिटी राजनीति विज्ञान विभाग के अध्यक्ष प्रोफेसर संजीव शर्मा, मां शाकंभरी विश्वविद्यालय के परीक्षा नियंत्रक राजीव चौधरी,जनता वैदिक कॉलेज के अध्यक्ष प्रोफेसर वीरेंद्र प्रताप चौधरी, वीवीपीजी कॉलेज के प्राचार्य प्रो. सुधीर कुमार,

महाविद्यालय के प्रबंध समिति महासचिव दीपक जैन, पूर्व प्राचार्य जेके सरोहा जनता वैदिक कॉलेज, डा. प्रताप सरोहा, बबली, निर्भय कुमार सिंह ने कार्यक्रम का शुभारंभ किया। डा. प्रताप ने कहा कि वर्तमान समय भारत और उसके पड़ोसी देशों से जो संबंध है वह काफी संवेदनशील दौर में चल रहे हैं, जब से अमेरिका ने भारत पर टैरिफ बढ़ाया है तब से भारत के लिए सार्क का महत्व
और बढ़ गया है। पूर्व कुलपति आरएस यादव ने सार्क के कार्य और उसकी प्रगति तथा उसके चैलेंजों की चर्चा की। पूर्व कुलपति औरइप्सा के जनरल सेक्रेटरी प्रोफेसर संजीव शर्मा ने भारत और सार्क के बीच के संबंध को दिखाते हुए सार्क देशों में चीन के बढ़ते हस्तक्षेप को रेखांकित किया। उन्होंने कहा कि चीन भारत के सभी पड़ोसी देशों में तकनीक और हथियार जैसे समान को पहुंचा रहा है और भारत के सभी पड़ोसी देश हर चीज के लिए धीरे-धीरे चीन पर निर्भर होते जा रहे है। कार्यक्रम में अन्य वक्ताआंे ने भी अपने-अपने विचार व्यक्त किए। इस अवसर पर प्रो. प्रतीत कुमार, प्रो. जीके सरोहा, मुनेश कुमार सहित अन्य शिक्षकों व छात्रों ने भी भाग लिया।

















































