नगर प्रशासन दबी हुई जमीन छुड़ाने पर अड़ा तो सफाई कर्मचारी अध्यक्ष के खिलाफ कार्रवाई पर (हड़ताली सफाई कर्मचारियों ने बाजार में जुलूस निकालकर पुलिस को दी तहरीर)

(झिंझाना की जनता परेशान)
नगर प्रशासन दबी हुई जमीन छुड़ाने पर अड़ा तो सफाई कर्मचारी अध्यक्ष के खिलाफ कार्रवाई पर
(हड़ताली सफाई कर्मचारियों ने बाजार में जुलूस निकालकर पुलिस को दी तहरीर)

भूमि पैमाइश के बाद लगाए गए पिलर उखाड़ने का वाल्मीकि समाज पर आरोप

* नगर पंचायत कार्यालय में हुई समझौता वार्ता विफल ,

रिपोर्टर धर्मेंद्र शर्मा

झिंझाना। कस्बे में सफाई कर्मचारी आज तीसरे दिन भी हड़ताल पर रहे। आज सुबह एसडीएम ऊन व अधिशासी अधिकारी की मध्यस्थता के बाद आपसी समझौता भी हो गया था। मगर पलटी लेते हुए

वाल्मीकि समाज के लोगों ने अपने मोहल्ला माजरा से कुछ तख्तियां हाथ में लेकर नगर पंचायत अध्यक्ष सुरेश पाल कश्यप मुर्दाबाद… वाल्मीकि समाज जिंदाबाद के नारे लगाते हुए मेंन बाजार के रास्ते थाना पहुंचे और पुलिस को अध्यक्ष व उसके बेटे रंकित के खिलाफ समाज का उत्पीड़न करने जाति सूचक शब्द कहने का मुकदमा दर्ज करने की मांग करते हुए पुलिस को तहरीर दी। उधर दूसरी ओर झिंझाना नगर पंचायत ने फिर साफ किया कि मामला जमीन पर अवैध कब्जे का है कोई गाली गलौज या जाति सूचक शब्दो का नहीं है। अध्यक्ष का दावा है कि यदि किसी के पास कोई किसी तरह का सबूत है तो वें सजा भुगतने को तैयार हैं।


हड़ताली सफाई कर्मचारियों से वार्ता करने के लिए आज सुबह एसडीएम ऊन संदीप त्रिपाठी और नगर पंचायत झिंझाना के अधिशासी अधिकारी समीर कश्यप सफाई कर्मचारियों की बस्ती मोहल्ला माजरा में पहुंचे थे। और उसके बाद सफाई कर्मचारियों का एक प्रतिनिधिमंडल समाज के प्रधान आनंद चंचल के नेतृत्व में नगर पंचायत कार्यालय पहुंचा था। बताया गया कि उखाड़े हुए पिलरों को जमीन पर वापस लगाने , तथा जमीन बोई गयी गाजर की फसल काटने के लिए 8 दिन का समय लेने समझौता हो गया था। तथा सफाई कर्मचारियों के काम पर वापस लौटने और मौहल्ला माजरा में सुरेशपाल कश्यप का फिर से सम्मान करने की बात तय हो गई थी। मगर प्रतिनिधि मंडल के वापस मोहल्ला माजरा में पहुंचने पर शायद वह सफाई कर्मचारियों को स्वीकार नहीं हुआ और तभी कुछ देर बाद भारतीय किसान यूनियन के समर्थन पर मोहल्ला माजरा से जुलूस की शक्ल में चेयरमैन सुरेशपाल कश्यप मुर्दाबाद व सफाई कर्मचारी जिन्दाबाद की नारेबाजी करते हुए मेंन बाजार के रास्ते थाने पहुंचे और थाना प्रभारी निरीक्षक वीरेंद्र कसाना को अध्यक्ष के खिलाफ तहरीर देकर कार्रवाई की मांग की। तहरीर में अध्यक्ष पर जाति सूचक शब्द कहने और वाल्मीकि समाज का उत्पीड़न करने और तीन सफाई कर्मचारियों को हटाने का आरोप था।
वाल्मीकि समाज के प्रधान आनंद चंचल और इस समाज के जिला अध्यक्ष घनश्याम पारचा शामली आदि लोगों ने मीडिया को बताया कि कर्मचारियों का शोषण बर्दाश्त नहीं होगा। यदि हटाए गए कर्मचारियों को नगर प्रशासन वापस ले और सैकड़ो वर्षों से हमारी भूमि को छीनने का प्रयास ना करें तो हड़ताल खत्म करके सफाई कर्मचारी काम पर वापस आ जाएंगे वरना हड़ताल अनिश्चितकालीन है। सफाई कर्मचारियों के इस आंदोलन में भारतीय किसान यूनियन (टिकैत) के जिला अध्यक्ष शांता कुमार, बिल्लू राणा, आशीष चौधरी आदि के अलावा चेयरमैन के खिलाफ चलने वाले कई सभासद गण मौजूद रहे।

दूसरी और अध्यक्ष सुरेश पाल कश्यप ने बताया कि सफाई कर्मचारियों के धरना प्रदर्शन और हड़ताल का कारण गाली गलौच व किसी भी किस्म की अभद्रता नही, बल्कि अवैध रूप से समाज के कुछ लोगों द्वारा भू माफिया बनकर करीब 60 बीघे सरकारी जमीन को दबाने का है। इसमें खाद के गड्डे, नवीन प्रति, पशुचर , हरिजन बस्ती और तालाब आदि की जमीन को इन लोगों ने पिछले कई दशकों से ठेका पर देकर करीब चार लाख रुपए की अवैध इंकम कर रहे हैं। अब जमीन छुड़ाने के लिए करीब 15 दिनों से लेखपाल व तहसीलदार से पैमाइश कराकर पिलर लगवाए गए थे , जिन्हे इन लोगों ने उखाड़ दिया है जमीन छुड़ाने की कार्यवाही जारी रहेगी।

 

हड़ताल के नाम पर झिंझाना की जनता परेशान क्यों

पिछले तीन दिनों से झिंझाना कस्बे में चल रही सफाई कर्मचारियों की हड़ताल पर नगर में जगह कूड़ा पड़ा रहने से हालात बद से बदतर हो गए हैं। दुर्गंध युक्त वातावरण के अलावा लोगों को बीमारियों का खतरा बढ़ने लगा है। कस्बे के कई लोगों का कहना है कि हड़ताल से जनता को नाजायज परेशान किया जा रहा है। जबकि अपना विरोध धरना प्रदर्शन करके भी किया जा सकता था। जबकि कस्बे में कूड़ा फैलाकर और नाले बंद करके परेशान क्यों किया जा रहा है अनेकों कस्बा वासियों ने जिला प्रशासन से सफाई की समस्या से निजात दिलाने की मांग की गई है।

ठेकेदार के भरोसे रहेगी सफाई व्यवस्था

हड़ताली कर्मचारियों से निपटने के लिए अध्यक्ष सुरेश पाल कश्यप ने बताया कि नगर की सफाई व्यवस्था उनके लिए सर्वोपरि है। सफाई व्यवस्था कराई जाएगी और इस सफाई व्यवस्था की जिम्मेदारी ठेकेदार की है।

 

नगर पंचायत में तैनात सरकारी सफाई कर्मचारी को अधिशासी अधिकारी समीर कश्यप ने काम पर वापस लौटने के निर्देश दिए है। तथा चेतावनी भी दी कि यदि कोई सरकारी कर्मचारी हड़ताल में शामिल होगा तो उसके खिलाफ वैधानिक कार्यवाही की जाएगी।

समीर कश्यप अधिशासी अधिकारी नगर पंचायत झिंझाना