झिंझाना में सफाई कर्मचारियों की हड़ताल) हड़ताली सफाई कर्मचारियों ने नहीं करने दी नगर में सफाई – बीच रास्ते पलटा दी कूड़े से भरी ट्रोलियां

(झिंझाना में सफाई कर्मचारियों की हड़ताल)
हड़ताली सफाई कर्मचारियों ने नहीं करने दी नगर में सफाई – बीच रास्ते पलटा दी कूड़े से भरी ट्रोलियां

रिपोटऀर धमेॕदॖ शमॉ

झिंझाना। क़स्बें में सफाई कर्मचारियों की हड़ताल का आज दूसरा दिन रहा। और नगर पंचायत द्वारा दूसरे कुछ सफाई कर्मचारियों से नगर की सफाई कराई गई तो हड़ताली कर्मचारियों ने वहां पहुंचकर कूड़े से भरी ट्रैक्टर ट्रालियों को बस स्टैंड व बाजार के बीच रास्ते में पलटवा दिया। कस्बे में सफाई व्यवस्था बिगड़ने से हालात बद से बदतर हो गए।
नगर पंचायत अध्यक्ष सुरेश पाल कश्यप और उसके बेटे रंकित सफाई कर्मचारियों का आरोप है कि सफाई कर्मचारी से गाली गलौज एवं जाति सूचक शब्द बोलकर उन्हें अपमानित किया जा रहा है तथा तीन कर्मचारियों को उनके पद से हटा दिया गया है इसिलिए सफाई कर्मचारियों ने गुरुवार 20 नवंबर 2025 से अनिश्चितकालीन हड़ताल शुरू कर दी है जो समस्या के समाधान तक जारी रहेगी।
‌ इस हड़ताल के विरोध में नगर पंचायत द्वारा दूसरे कुछ लड़कों को बुलाकर कस्बें में सफाई कराई , तो आज शुक्रवार की सुबह हड़ताली सफाई कर्मचारियों ने पंजाब नेशनल बैंक के सामने कूड़े से भरी ट्रैक्टर ट्राली को बीच रास्ते में पलटा दिया , इसके अलावा मोहल्ला सैदमीर व ताड़वाला के मोड़ पर भी कूड़े से भरी ट्रैक्टर ट्रॉली लेकर जा रहे गैर सफाई कर्मचारियों का विरोध करते हुए बीच रास्ते में ही ट्रोली पलटा कर कूड़ा गिरा दिया। उसके बाद सफाई कर्मचारियों की ओर से आनंद चंचल आदि ने थाना प्रभारी निरीक्षक वीरेंद्र कसाना को नगर पंचायत अध्यक्ष व इसके पुत्र रंकित के खिलाफ सफाई कर्मचारियों का अपमान करने, जाति सूचक शब्द कहने गाली गलौज करने आदि को लेकर मुकदमा दर्ज कराए जाने की मांग की है। तहरीन में आरोप लगाया गया है कि नगर पंचायत अध्यक्ष नगर में माहौल खराब करना चाहते हैं। हड़ताल की वजह से दो दिनों में नगर के मोहल्लों समेत कस्बे में चारों तरफ गंदगी के अंबार लगकर हालात बद से बदतर होने लगे हैं। अभी तक दोनों पक्षों के बीच सुलहनामें के कोई आसार दिखाई नहीं दे रहे हैं।

हड़ताल से जनता बेहाल

नगर पंचायत एवं सफाई कर्मचारियों के बीच चले मतभेदों के कारण कस्बे की जनता को दुर्गेंधता का दंस झेलना पड़ रहा है। छोटे बड़ों का रास्तों से आवागमन करना मुश्किल होने लगा है। परवेज वासिद खान , कासिम पूर्व मेम्बर , आसिफ अलवी, बाटी , गुल्लू राजा , अब्बास , शादाब आदि लोगों का कहना है कि जनता का क्या कसूर है जो ऐसे हालातो में से जनता को गुजरना पड़ रहा है। इस समस्या के समाधान के लिए नगर वासियों ने जिला प्रशासन से हस्तक्षेप कर उचित कार्रवाई किए जाने की मांग की है।

 

हड़ताल पूरी तरह अनैतिक है। गाली गलौज अपमान बिल्कुल निराधार है और हड़ताल से नाजायज दबाव बनाया जा रहा हैं। जबकि इस मामले की जड़ सरकारी जमीन से उनके अवैध कब्जे को छुड़ाना है। खसरा नंबर 1132 की जमीन खाद के गड्डों की है जिसे छुडाया गया है। खसरा नंबर 1133 की 19 बीघा जमीन हरिजन आबादी की है। खसरा न० 1134 की 6 बिघे जमीन नवीन प्रति की है। खसरा नंबर 1143 की 19 बीघा जमीन तालाब की, खसरा नंबर 1142 की तीन बीघे सामान्य आबादी की, 1140 की जमीन पशु अवशेषों के लिए है जिस पर इन्होंने शमशान बना दिया हैं। लगभग 60 बीघे जमीन को अवैध कब्जे से हटाने की कार्यवाही चल रही है इसके विरोध में यह सब कुछ अनैतिक रूप से किया जा रहा है।

सुरेशपाल कश्यप अध्यक्ष नगर पंचायत झिंझाना