डॉ. शाज़िया नाज़ को मिला “मंज़िल कहीं तो होगी” में गोल्ड मेडल सम्मान, समाजसेवा में योगदान के लिए हुआ अभिनंदन
डॉ. शाज़िया नाज़ को मिला “मंज़िल कहीं तो होगी” में गोल्ड मेडल सम्मान, समाजसेवा में योगदान के लिए हुआ अभिनंदन

सहारनपुर।
दिल्ली रोड स्थित गुर्जर भवन में बुधवार देर रात आयोजित एक भव्य समारोह में सहारनपुर की जानी-मानी समाजसेविका और कांग्रेस पार्टी की जिला उपाध्यक्ष डॉ. शाज़िया नाज़ एडवोकेट को समाजसेवा, शिक्षा और महिला सशक्तिकरण के क्षेत्र में उल्लेखनीय योगदान के लिए गोल्ड मेडल सम्मान से नवाजा गया।
यह समारोह दिव्या फिल्म आर्ट मुंबई के तत्वावधान में आयोजित हिंदी फीचर फिल्म “मंज़िल कहीं तो होगी” के ऑडिशन कार्यक्रम के अवसर पर हुआ। सुबह से ही सिंगिंग, डांसिंग और एक्टिंग से जुड़ी युवा प्रतिभाओं का उत्साह देखते ही बनता था। मंच पर युवा कलाकारों ने अपनी कला से दर्शकों का दिल जीत लिया। सभागार में लगातार तालियां गूंजती रहीं।
आयोजन में राजनीति, फिल्म और समाजसेवा जगत की कई हस्तियों की मौजूदगी ने कार्यक्रम को और खास बना दिया। जैसे ही डॉ. शाज़िया नाज़ का नाम सम्मान के लिए पुकारा गया, पूरा सभागार तालियों की गड़गड़ाहट से गूंज उठा। अतिथियों ने उन्हें गोल्ड मेडल और सम्मान-पत्र प्रदान किया।
सम्मान ग्रहण करते हुए डॉ. शाज़िया नाज़ ने कहा कि यह पुरस्कार उनके लिए सम्मान के साथ एक बड़ी जिम्मेदारी भी है। उन्होंने कहा कि यह सम्मान उन सभी महिलाओं को समर्पित है जो समाज में बराबरी और सशक्तिकरण की दिशा में कार्य कर रही हैं। उन्होंने युवाओं से आग्रह किया कि वे अपने सपनों को पूरा करने के लिए मेहनत और लगन को आधार बनाएं।
इस अवसर पर फिल्म डायरेक्टर नवीन पवार, म्यूज़िक डायरेक्टर आरिफ मिर्ज़ा, प्रोड्यूसर एडवोकेट रियासत अली, सुशील कुमार सैनी, डॉ. राव रहमान, गुलफेश मलिक, सुभाष कुमार पंडित, सलीम भाई, महाकाल मिर्ज़ा, रबीक भारती, सनावर अली खान (दूरदर्शन देहरादून) और समाजसेवी चौधरी वीरेंद्र सिंह गुर्जर सहित अनेक विशिष्ट अतिथि उपस्थित रहे।
आयोजन के दौरान कई कलाकारों का चयन आगामी फिल्म “मंज़िल कहीं तो होगी” के लिए किया गया। आयोजकों ने कहा कि यह फिल्म नई प्रतिभाओं को मंच देने के साथ समाज में प्रेरणा और जागरूकता का संदेश भी देगी।
समापन पर आयोजकों ने सभी प्रतिभागियों, अतिथियों और मीडिया प्रतिनिधियों का धन्यवाद किया। कार्यक्रम ने यह संदेश दिया कि सच्ची लगन और कर्मठता से की गई कोशिश कभी व्यर्थ नहीं जाती, मंज़िल हमेशा मेहनत करने वालों को ही मिलती है।

















































