रावण को वेदवती का श्राप, सीता जी का हुआ जन्म

रावण को वेदवती का श्राप, सीता जी का हुआ जन्म

श्रीरामलीला महोत्सव में अद्भुत नाट्य मंचन, श्रद्धालुओं की रही भारी भीड़

Puneet Goel

कैराना। नगर की श्री गौशाला भवन में इन दिनों श्रीरामलीला महोत्सव बड़े हर्ष और उल्लास के साथ मनाया जा रहा है। महोत्सव के दूसरे दिन की लीला का शुभारंभ जनकराज तिवारी (हिमालय मॉडल स्कूल) एवं मुकेश सिंघल ने संयुक्त रूप से दीप प्रज्वलित कर किया। इसके उपरांत रावण–वेदवती संवाद का मंचन प्रस्तुत किया गया, जिसने उपस्थित दर्शकों को भाव-विभोर कर दिया।

लीला के प्रथम दृश्य में दिखाया गया कि राक्षसराज रावण वन विहार करते समय भगवान विष्णु की परम भक्त एवं ऋषि कुशद्वज की पुत्री वेदवती को देख मोहित हो जाता है। वह उसे अपने वश में करने का प्रयास करता है, किंतु वेदवती उसके अनैतिक प्रस्ताव को अस्वीकार कर देती है। क्रोधित रावण जब बलपूर्वक उसे स्पर्श करता है, तब वेदवती उसे श्राप देती है कि — “मैं अभी सती होकर देह त्याग करती हूँ, परंतु पुनः जन्म लेकर तेरे विनाश का कारण बनूँगी।” तत्पश्चात् वेदवती अग्नि में समाहित हो जाती है और बाद में सीता जी के रूप में जन्म लेती हैं।

दूसरे दृश्य में दिखाया गया कि रावण अपने पुष्पक विमान द्वारा मारीच के साथ कैलाश पर्वत की यात्रा करता है। किंतु भगवान शंकर की तपोभूमि के समीप पहुँचते ही उसका विमान रुक जाता है। नंदीगण और मारीच उसे समझाते हैं, परंतु रावण अहंकारवश पर्वत को उठाने का प्रयास करता है और असफल होता है। अंततः वह पश्चाताप करता है और भगवान शंकर से क्षमा मांगता है। प्रसन्न होकर भगवान शंकर उसे चंद्रहास नामक दिव्य तलवार प्रदान करते हैं तथा वर देते हैं कि जब तक इसकी श्रद्धा-पूर्वक पूजा करेगा, तब तक कोई शत्रु उसका कुछ नहीं बिगाड़ सकेगा।

तीसरे दृश्य में रावण अपने पुत्र मेघनाद को आदेश देता है कि सभी देवताओं एवं ऋषि-मुनियों को बंधक बनाकर लाया जाए। मेघनाद देवताओं को कैद कर उनका रक्त एक घड़े में भर लाता है। क्रोधित ऋषि-मुनि उसे श्राप देते हैं कि यही रक्त भविष्य में विकराल रूप धारण कर तेरे कुल का सर्वनाश करेगा। तत्पश्चात् मेघनाद वह रक्तपात्र रावण को सौंप देता है, और रावण उसे मिथिलापुरी में दबाने का आदेश देता है। समय बीतने पर वहाँ भयंकर अकाल पड़ता है। राजा जनक और उनकी पत्नी जब हल से भूमि जोतते हैं, तभी धरती से माता सीता प्रकट होती हैं।

इस मनमोहक नाट्य मंचन में –

रावण की भूमिका सभासद शगुन मित्तल एडवोकेट ने,

वेदवती की भूमिका शिवम गोयल ने,

भगवान शंकर की भूमिका मनोज मित्तल ने,

नंदीगण का अभिनय देव गर्ग ने,

मेघनाद की भूमिका आशीष सैनी ने,

तथा मारीच की भूमिका आशीष नामदेव ने प्रभावी ढंग से निभाई।

कार्यक्रम में श्रीरामलीला कमेटी के अध्यक्ष जयपाल सिंह कश्यप, सचिव आलोक गर्ग, कोषाध्यक्ष संजू वर्मा सहित *अनिल कुंगरवाल, रोहित, प्रमोद गोयल, डॉ. रामकुमार गुप्ता, अतुल कुमार गर्ग, सुशील कुमार सिंघल, राकेश गर्ग, डिंपल अग्रवाल, अमित सिंघल (काल प्रभारी), राकेश प्रजापत, राजेश नामदेव, पुनीत कुमार गोयल, मनोज मित्तल, सोनू नेता, अभिषेक गोयल, विजय नारायण, सागर गर्ग, रविन्द्र कुमार, अनुज प्रजापति, अनिल गोयल, सुनील कुमार टिल्लू, आशीष सैनी, अनमोल शर्मा, अमन गोयल, विराट नामदेव, पंकज सिंघल, सुशील सिंघल, निक्की, रणवीर कश्यप, काका राकेश गोयल, अतुल एडवोकेट, आशीष नामदेव, शिवम गोयल, अश्विन सिंघल, नरेश, सचिन शर्मा, अंकित जिंदल, सागर मित्तल, अभिषेक भारद्वाज, तुषार वर्मा, अमित कुमार सैन आदि गणमान्य लोग उपस्थित रहे।

इस अवसर पर नगर में भारी भीड़ रही। सुरक्षा की दृष्टि से किला गेट चौकी प्रभारी विनोद कुमार राघव के नेतृत्व में पुलिस बल तैनात किया गया। वहीं, नगरपालिका की ओर से विशेष सफाई व्यवस्था के साथ चुना व अन्य सुविधाओं की व्यवस्था कराई गई।