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समाचार नम्बर 1
गंगा स्नान की सुरक्षा व्यवस्था पर विशेष ध्यान: कैराना कोतवाली प्रभारी धमेन्द्र सिंह की हरियाणा पुलिस के साथ बैठक
पुनीत गोयल
कैराना: गंगा स्नान के अवसर पर श्रद्धालुओं की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए कैराना कोतवाली के प्रभारी निरीक्षक धमेन्द्र सिंह ने हरियाणा पुलिस के साथ महत्वपूर्ण बैठक की। इस बैठक में गंगा स्नान समारोह के दौरान सुरक्षा व्यवस्था को लेकर विस्तृत चर्चा की गई।
कोतवाली प्रभारी ने विशेष रूप से यमुना ब्रिज के आसपास की स्थिति पर ध्यान केंद्रित किया। उन्होंने कहा कि इस क्षेत्र में कई बार युवक यमुना नदी में डूबकर अपनी जान गंवा चुके हैं, जिससे सुरक्षा के प्रति अतिरिक्त सावधानी बरतने की आवश्यकता है।
धमेन्द्र सिंह ने उपस्थित अधिकारियों को निर्देश दिए कि वे सभी आवश्यक तैयारियों को अंतिम रूप दें ताकि श्रद्धालुओं को किसी भी प्रकार की सुरक्षा संबंधी समस्याओं का सामना न करना पड़े। उन्होंने सुझाव दिया कि स्नान के दौरान पुलिस बल की तैनाती बढ़ाई जाए और नदी के किनारे सुरक्षा चौकियां स्थापित की जाएं।
बैठक में विशेष रूप से सुरक्षा के उपायों पर चर्चा की गई, जिसमें नदी पर नजर रखने के लिए नावों की व्यवस्था, लाइफ जॅकेट का प्रावधान और स्नानार्थियों को सुरक्षा नियमों का पालन करने के लिए प्रेरित करना शामिल था।
इस बैठक का उद्देश्य श्रद्धालुओं को एक सुरक्षित और सुखद अनुभव प्रदान करना है, ताकि गंगा स्नान का अवसर श्रद्धा और आस्था के साथ मनाया जा सके।
समाचार नम्बर 2
कांग्रेस के संगठन सृजन अभियान पर जोश: विकास और भाईचारे को बढ़ावा देने का राहुल गांधी का संदेश
पुनीत गोयल
कैराना: मंगलवार की देर शाम जनपद शामली के जूनियर हाई स्कूल में कांग्रेस पार्टी के संगठन सृजन अभियान की समीक्षा एवं मासिक बैठक का आयोजन किया गया। बैठक की अध्यक्षता जिला अध्यक्ष अखलाक प्रधान ने की, जबकि संचालन का जिम्मा संदीप शर्मा ने संभाला।
बैठक में जिला कोऑर्डिनेटर ज्ञानेंद्र सिंह राघव, शहर कोऑर्डिनेटर गुफरान काजमी और फ्रंटल कोऑर्डिनेटर राजेश्वर कुमार ने उपस्थित सभी नेताओं और कार्यकर्ताओं से संगठन की मजबूती के लिए सुझाव आमंत्रित किए। इस दौरान प्रोफेसर निर्भय सिंह, चैन सिंह पुंडीर, शनि गुप्ता और शमशीर खान जैसे नेताओं ने कोऑर्डिनेटरों से समर्पित और सक्रिय कांग्रेस कार्यकर्ताओं को अधिक भागीदारी देने की मांग की।
जिला कोऑर्डिनेटर ज्ञानेंद्र सिंह राघव ने मासिक बैठक को संबोधित करते हुए वर्तमान स्थिति पर चर्चा की। उन्होंने भाजपा सरकार की नाकामियों को उजागर किया, विशेष रूप से ऑपरेशन सिंदूर पर विपक्ष और सरकार के एकजुट होने के बावजूद अमेरिका के ट्रंप के दबाव में किए गए शिश फायर का उल्लेख किया।
राघव ने कार्यकर्ताओं से संगठन सृजन अभियान को 15 जून तक पूरा करने का आह्वान किया, जिसमें ब्लॉक और नगर कमेटियों का गठन कर प्रदेश नेतृत्व को सौंपना शामिल है। उन्होंने भाजपा पर हिंदू-मुस्लिम को लड़ाकर वोट हथियाने का आरोप लगाते हुए राहुल गांधी द्वारा किसानों, नौजवानों, व्यापारियों, मजदूरों, दलितों, शोषितों और वंचितों के हक के लिए की जा रही लड़ाई को महत्वपूर्ण बताया।
बैठक में शामिल नेताओं और कार्यकर्ताओं ने संगठन को मजबूत करने और जनपद शामली को प्रदेश में संगठित करने की दिशा में संकल्प लिया। इस बैठक में शमशीर खान, राजेश्वर, अभिमन्यु त्यागी, गुलरेज, रामलाल कश्यप, डॉक्टर चैन सिंह, सत्यम सैनी, बृजेश शर्मा, देवदत्त शर्मा, इब्राहिम सिद्दीकी, सुमित शर्मा, प्रमोद कश्यप, जुलफान और आलिम सहित सैकड़ों कार्यकर्ता मौजूद रहे।
समाचार नम्बर 3
“कैराना में कोख का सौदा! अवैध अल्ट्रासाउंड सेंटरों का साम्राज्य, विभागीय चुप्पी बनी सहअपराधी”
पुनीत गोयल
कैराना। कभी गंगा-जमुनी तहज़ीब और व्यापारिक केंद्र के रूप में पहचान रखने वाला कैराना, आज एक ऐसे खौफनाक और संवेदनहीन काले कारोबार का गढ़ बन चुका है, जहां कोख में पल रही ज़िंदगियों की कीमत तय की जा रही है। कस्बे में धड़ल्ले से संचालित हो रहे अवैध अल्ट्रासाउंड सेंटरों ने चिकित्सा सेवा के नाम पर मौत का व्यापार शुरू कर रखा है।
इन सेंटरों में लिंग परीक्षण जैसे घोर अपराध को खुलेआम अंजाम दिया जा रहा है, और हैरत की बात यह है कि प्रशासन, स्वास्थ्य विभाग और संबंधित नियामक एजेंसियां न सिर्फ खामोश हैं, बल्कि ऐसी चुप्पी ओढ़े हैं, जो किसी गहरी सांठगांठ की तरफ इशारा करती है।
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अवैध अल्ट्रासाउंड सेंटरों की भरमार
स्थानीय सूत्रों की मानें तो कैराना क्षेत्र में दर्जनों ऐसे अल्ट्रासाउंड सेंटर संचालित हो रहे हैं, जो न तो किसी PCPNDT पंजीकरण के दायरे में आते हैं, न ही उनके पास प्रशिक्षित तकनीकी स्टाफ या मान्यता प्राप्त चिकित्सक हैं। बावजूद इसके, इन केंद्रों पर हर रोज़ दर्जनों महिलाओं की जांच होती है, और सबसे अधिक मांग होती है — लिंग परीक्षण की।
इन सेंटरों में एक तयशुदा राशि लेकर गर्भस्थ शिशु का लिंग बताया जाता है, और यदि भ्रूण ‘लड़की’ का होता है तो गर्भपात के लिए निजी नर्सिंग होम तक का बंदोबस्त करा दिया जाता है।
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कहां है प्रशासन? क्या यह मौन ‘सांठगांठ’ है?
चौंकाने वाली बात यह है कि यह सब कुछ शहर के बीचों-बीच, विभागीय निगरानी के क्षेत्र में हो रहा है, लेकिन अभी तक किसी बड़ी छापेमारी या कार्रवाई की खबर नहीं आई है। जब इस प्रतिनिधि ने स्वास्थ्य विभाग के एक अधिकारी से इस विषय में सवाल किया, तो उन्होंने “जांच कराएंगे” कहकर बात को टाल दिया।
स्थानीय जनप्रतिनिधियों और समाजसेवियों का आरोप है कि कुछ भ्रष्ट अधिकारी इन अवैध केंद्रों से ‘मासिक नजराना’ लेते हैं, इसलिए कार्रवाई की फाइलें सिर्फ धूल फांक रही हैं।
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लिंकपत का खेल – सिस्टम का दलाल
मामले को और संगीन बनाता है एक कथित ‘लिंकपत’ की मौजूदगी, जिसकी भूमिका अब स्थानीय स्तर पर चर्चा का विषय बन चुकी है। यह व्यक्ति कथित तौर पर विभागीय अधिकारियों और अवैध सेंटर संचालकों के बीच की कड़ी का काम करता है। उसका काम है – समय रहते छापेमारी की सूचना देना, कागज़ों की सेटिंग कराना और निरीक्षण से पहले सेंटर को बंद करा देना।
स्थानीय लोगों का आरोप है कि यह लिंकपत हर महीने मोटी रकम वसूलता है और सिस्टम को अपनी जेब में लेकर घूमता है।
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PCPNDT कानून की धज्जियां उड़ती रहीं, विभाग देखता रहा
भारत सरकार द्वारा 1994 में बनाए गए PCPNDT कानून के तहत भ्रूण लिंग परीक्षण करना पूरी तरह से अवैध और दंडनीय अपराध है। फिर भी कैराना में इस कानून की खुलेआम धज्जियां उड़ाई जा रही हैं।
हर अवैध अल्ट्रासाउंड सेंटर एक चलती-फिरती कोख का कब्रिस्तान बन चुका है, और अफसोस इस बात का है कि ये कब्रिस्तान केवल इसलिए जिंदा हैं क्योंकि सिस्टम ने उन्हें पनपने दिया है।
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जनता का आक्रोश: “अब नहीं सहेंगे बेटी की हत्या”
कस्बे के जागरूक नागरिकों, महिला संगठनों और स्थानीय युवाओं ने इस मुद्दे पर मोर्चा खोल दिया है। उन्होंने जिला प्रशासन से मांग की है कि एक उच्चस्तरीय जांच कमेटी गठित की जाए, अवैध अल्ट्रासाउंड केंद्रों को तत्काल प्रभाव से बंद किया जाए और लिप्त अधिकारियों के खिलाफ कठोर कार्रवाई की जाए।
सामाजिक कार्यकर्ता कहती हैं, “हमने पढ़ा था कि बेटियाँ देवी होती हैं, लेकिन कैराना में उन्हें जन्म लेने से पहले ही मार दिया जाता है। प्रशासन अगर अब भी नहीं जागा, तो यह आंदोलन सड़कों तक पहुंचेगा।”
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अब सवाल सिर्फ एक है — कब जागेगा सिस्टम?
कैराना की फिज़ाओं में गूंज रहा है एक ही सवाल —
“कोख के इन सौदागरों पर लगाम कब लगेगी?”
“बेटियाँ कब तक गर्भ में मारी जाएंगी?”
“और प्रशासन की यह खामोशी आखिर कब टूटेगी?”
समाचार नम्बर 4
नाबालिग को ले जाने के मामलें में वांछित आरोपी गिरफ्तार
पुनीत गोयल
कैराना : कोतवाली पुलिस ने नाबालिग को बहला फुसलाकर ले जाने के मामले में वांछित आरोपी को गिरफ्तार किया।
गत 28 अप्रैल को कोतवाली क्षेत्र से नाबालिग को बहला फुसलाकर लेजाने के मामले में स्वजन ने मुकदमा दर्ज कराया था। बुधवार को कोतवाली में तैनात उपनिरीक्षक राजेश सिंह ने मामले में वांछित आरोपी सूरज पुत्र सोनी निवासी मुहल्ले नई बस्ती पट्टी चौराहा बड़ौत को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया।
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समाचार नम्बर 5
न्यायालय ने तीन मामलों में पांच को दोषी ठहराया
पुनीत गोयल
कैराना : न्यायालय ने तीन अलग अलग मामलों में पांच आरोपियो को दोषी ठहराया। वहीं दस हजार सौ रूपये के अर्थदंड से दंडित किया गया।
वर्ष 2017 में फिरोज पुत्र रशीद निवासी डुण्डूखेडा के खिलाफ थाना कैराना में सड़क हादसे का मामला दर्ज किया गया था। न्यायालय ने आरोपी को दोषी पाते हुए न्यायालय उठने तक की सजा सुनाई। वर्ष 2016 में ब्रजपाल उर्फ लाल पुत्र हुकुम सिंह,सचिन कुमार पुत्र राजवीर सैनी, नरेन्द्र उर्फ कल्लू पुत्र वेदपाल निवासीगण ग्राम वेदखेडी के खिलाफ थाना झिंझाना में एक राय होकर नुकसान करने के मामले में मुकदमा दर्ज किया गया था। न्यायालय ने आरोपियो को दोषी पाते हुए अर्थदंड से दंडित किया। वर्ष 2018 में सोमपाल पुत्र ब्रहम सिंह निवासी मुहल्ले माजरा के खिलाफ थाना झिंझाना में जुंआ अधिनियम के तहत मुकदमा दर्ज किया गया था। न्यायालय ने आरोपियो को दोषी पाते हुए अर्थदंड से दंडित किया। निर्धारित समय पर अर्थदंड अदा न करने पर अतिरिक्त कारावास की सजा सुनाई।
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