पोप फ्रांसिस का निधन मानवता बड़ा नुकसान:अतहर शम्सी

पोप फ्रांसिस का निधन मानवता बड़ा नुकसान:अतहर शम्सी
कैराना। अल क़ुरआन एकेडमी कैराना के निदेशक और प्रमुख क़ुरआनी चिंतक मुफ़्ती अतहर शम्सी ने वेटिकन सिटी से पोप फ्रांसिस के निधन पर गहरा शोक व्यक्त किया है। उन्होंने कहा कि पोप फ्रांसिस की मौत महज़ एक धार्मिक नेता का निधन नहीं है, बल्कि उनकी मौत से इंसानियत, इंसाफ और आपसी सम्मान की एक बुलंद आवाज़ खामोश हो गई है। पोप फ्रांसिस एक ऐसे वैश्विक नेता थे, जिन्होंने पूरी दुनिया को अपने नेक इरादों, सादगी भरे जीवन और निःस्वार्थ नेतृत्व से प्रभावित किया। उन्होंने हमेशा अंतरधार्मिक संवाद, धार्मिक सहिष्णुता और विश्व शांति के लिए बुलंद आवाज़ उठाई। उनकी सेवाएँ इतिहास के पन्नों में सुनहरे अक्षरों से दर्ज की जाएंगी। उन्होंने शरणार्थियों के अधिकारों के लिए मजबूती से खड़े होकर आवाज़ बुलंद की, पर्यावरण संरक्षण को अपना मिशन बनाया और मुसलमानों समेत अन्य धर्मों के मानने वालों से भाईचारे और सम्मान पर आधारित संबंधों को प्रोत्साहित किया। पोप फ्रांसिस ने कई अवसरों पर क़ुरआन के अमन और रहमत के पैग़ाम को खुले दिल से स्वीकार किया और इस्लाम को आतंकवाद से जोड़ने वाली प्रवृत्तियों की सख्त निंदा की। उन्होंने यह सिखाया कि धर्मों के बीच का फर्क फासले नहीं, बल्कि संवाद और इंसानियत की बुनियाद बन सकता है। मुफ़्ती अतहर शम्सी ने कहा कि अल-क़ुरआन एकेडमी कैराना इस दुःखद घड़ी में वेटिकन के समस्त पदाधिकारियों, दुनिया भर के ईसाई समुदाय और पोप फ्रांसिस के अनुयायियों के साथ पूरी संवेदनशीलता और हमदर्दी के साथ खड़ी है। उन्होंने कहा कि आज की दुनिया को ऐसे ही नेतृत्व की ज़रूरत है, जो इंसानों को इंसानियत के धागे में पिरो सके और नफ़रतों को मोहब्बत में बदलने का हुनर रखते हों। पोप फ्रांसिस निस्संदेह ऐसे ही एक नेता थे।

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